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Showing posts from August, 2025

Rice crop

धान (Rice) भारत और पूरी एशिया की सबसे प्रमुख खरीफ फसल है, जिससे हमें चावल मिलता है—यह करोड़ों लोगों का मुख्य आहार है। धान का वैज्ञानिक नाम ओराय्ज़ा सैटिवा (Oryza sativa) है और इसके बीज को चावल कहा जाता है, जिसे धान से छिलका उतारने के बाद प्राप्त किया जाता है। धान की खेती की मुख्य बातें मौसम और जलवायु: धान को गर्म जलवायु, अधिक नमी और लंबे समय तक धूप की जरूरत होती है। फसल की पूरी अवधि में औसतन 21 से 42°C तापमान एवं 100 सेमी से ज्यादा वार्षिक बारिश चाहिए। जहाँ बारिश कम हो, वहाँ सिंचाई से धान की खेती की जाती है। मिट्टी: धान की खेती दोमट, चिकनी या मध्यम काली मिट्टी (जिसमें पानी रुक सके) में अच्छी होती है। यह अम्लीय और क्षारीय दोनों तरह की मिट्टी में उग सकता है। पानी की जरूरत: धान को बुवाई के समय खेत में 10-12 सेमी पानी भरा होना चाहिए। पूरी फसल अवधि में खेत में पानी भरा रहना आवश्यक है। बुवाई का समय: राजस्थान सहित उत्तर भारत में धान की बुवाई जून-जुलाई (असाढ़-सावन) में की जाती है और कटाई अक्टूबर-नवंबर में होती है। इसे अधिकतर खरीफ की फसल माना जाता है, लेकिन सिंचाई होने पर आजकल रबी और जायद (गर्म...

Whaet crop

गेहूं की फसल: पूरी जानकारी (स्थानीय भाषा में) गेहूं (Triticum aestivum) भारत की सबसे महत्वपूर्ण रबी फसलों में से एक है। यह मुख्य रूप से उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उगाई जाती है। गेहूं का आटा हमारे दैनिक आहार (रोटी, ब्रेड, सिवई, पास्ता, दलिया, केक, कुकीज आदि) का मुख्य घटक है। गेहूं का जीवन चक्र गेहूं की बुवाई: अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक (15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच) गेहूं की बुवाई सबसे अच्छी मानी जाती है। देर से बुवाई करने से पैदावार में कमी आ जाती है। अंकुरण: बुआई के 6-10 दिन बाद अंकुरण शुरू होता है। कल्ले विकास: 20-25 दिन के बाद पौधे में कल्ले (टिलर) निकलने लगते हैं। गांठ बनना: 40-45 दिन पर गांठ (नोड) बनना शुरू हो जाता है। फूल आना: 80-85 दिन पर फूल आते हैं। दाना बनना: 100-105 दिन पर दाने में दूध पड़ना शुरू होता है। कटाई: फसल 110-150 दिन (देसी किस्मों में कभी-कभी अधिक) में पककर तैयार हो जाती है। कटाई के बाद: फसल की कटाई, मंडाई, भंडारण और विपणन अंतिम चरण हैं। भूमि की तैयारी एवं बुवाई भूमि: ...